आईएएस की गौरवशाली उपलब्धि
सौम्या शर्मा: नाम, प्रसिद्धि, और उत्कृष्टता की मिसाल
भारत में आईएएस अधिकारी बनना एक गर्व की बात है। यह पद न केवल प्रतिष्ठा लाता है बल्कि देशभर में सम्मान और प्रसिद्धि भी दिलाता है। हालांकि, लाखों उम्मीदवारों के बीच, केवल चुनिंदा ही इस प्रतिष्ठित पद को हासिल कर पाते हैं, क्योंकि यूपीएससी परीक्षा की कठिनाई का स्तर हर किसी के लिए पार करना संभव नहीं होता।
परीक्षा की चुनौतियाँ और सफलता की कहानी
कई उम्मीदवार इस परीक्षा को पास करने में वर्षों लगा देते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपनी क्षमता और समर्पण के बल पर इसे बहुत कम समय में ही पार कर लेते हैं। सौम्या शर्मा ऐसी ही एक प्रेरणादायक शख्सियत हैं, जिन्होंने चार महीने की तैयारी के बाद इस परीक्षा को पास किया और देशभर में 9वीं रैंक हासिल की।
चुनौतियों के बावजूद उच्च शिखर पर
सौम्या ने युवावस्था में ही सुनने की क्षमता खो दी थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपने सपने को जीवित रखा और आईएएस बनने की अपनी यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया।
समर्पण और स्व-अध्ययन की शक्ति
सौम्या के पास तैयारी के लिए समय कम था, इसलिए उन्होंने प्रतिदिन 10 से 15 घंटे की पढ़ाई की। उन्होंने स्व-अध्ययन के जरिए पूरी तैयारी की और किसी भी कोचिंग सेंटर का सहारा नहीं लिया।